विजित लंका का प्राचीन नगर था। बौद्ध धार्मिक ग्रंथ 'महावंश'[1] के अनुसार इस नगर की स्थापना राजकुमार विजय के एक सामंत ने की थी।
- जनश्रुति में इस नगर का अभिज्ञान अनुराधपुर से 24 मील की दूरी पर स्थित 'कालवापी' (कलवेव) नामक झील के समीप वर्तमान 'विजितपुर' से किया गया है।
- 'महावंश'[2] में भी इस नगर का उल्लेख है।[3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महावंश 7, 45
- ↑ महावंश 25, 19-24
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ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 853 |
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