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12:02, 22 अक्टूबर 2011 का अवतरण
भाभर शिवालिक की पदस्थली पर स्थित वह भौगोलिक क्षेत्र है, जहाँ सरन्ध्रता इतनी अधिक है कि यहाँ पर सारी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
- इस जगह का नाम भाभर इसीलिए पड़ा, क्योंकि यहाँ पर एक स्थानीय लम्बी घास 'यूलालिओप्सिस बिनाता' प्रमुख रूप से पाई जाती है।
- इस घास का उपयोग मुख्यत: कागज़ और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।