"अवसादी चट्टान" के अवतरणों में अंतर
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*[[दामोदर नदी|दामोदर]], [[महानदी]] तथा [[गोदावरी नदी]] बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है। | *[[दामोदर नदी|दामोदर]], [[महानदी]] तथा [[गोदावरी नदी]] बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है। | ||
*[[आगरा का क़िला|आगरा क़िला]] तथा [[दिल्ली]] का [[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]] बलुआ पत्थर नामक अवसादी चट्टानों से ही बना है। | *[[आगरा का क़िला|आगरा क़िला]] तथा [[दिल्ली]] का [[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]] बलुआ पत्थर नामक अवसादी चट्टानों से ही बना है। | ||
− | *प्रमुख अवसादी शैलें हैं- बालुका पत्थर, चीका शेल, चूना पत्थर, खड़िया, [[नमक]] आदि। | + | *प्रमुख अवसादी शैलें हैं- बालुका पत्थर, चीका शेल, [[चूना पत्थर]], [[खड़िया]], [[नमक]] आदि। |
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12:10, 10 मार्च 2015 के समय का अवतरण
अवसादी चट्टान से तात्पर्य है कि, प्रकृति के कारकों द्वारा निर्मित छोटी-छोटी चट्टानें किसी स्थान पर जमा हो जाती हैं, और बाद के काल में दबाव या रासायनिक प्रतिक्रिया या अन्य कारकों के द्वारा परत जैसी ठोस रूप में निर्मित हो जाती हैं। इन्हें ही 'अवसादी चट्टान' कहते हैं। अवसादी शैलों का निर्माण जल, वायु या हिमानी, किसी भी कारक द्वारा हो सकता है। इसी आधार पर अवसादी शैलें 'जलज', 'वायूढ़' तथा 'हिमनदीय' प्रकार की होती हैं।
- अवसादी चट्टानें अधिकांशत: परतदार रूप में पाई जाती हैं।
- इनमें वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं के जीवाश्म बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं।
- इन चट्टानों में लौह अयस्क, फ़ॉस्फ़ेट, कोयला, पीट, बालुका पत्थर एवं सीमेन्ट बनाने की चट्टान पाई जाती हैं।
- खनिज तेल अवसादी चट्टानों में पाया जाता है।
- अप्रवेश्य चट्टानों की दो परतों के बीच यदि प्रवेश्य शैल की परत आ जाए, तो खनिज तेल के लिए अनुकूल स्थिति पैदा हो जाती है।
- दामोदर, महानदी तथा गोदावरी नदी बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है।
- आगरा क़िला तथा दिल्ली का लाल क़िला बलुआ पत्थर नामक अवसादी चट्टानों से ही बना है।
- प्रमुख अवसादी शैलें हैं- बालुका पत्थर, चीका शेल, चूना पत्थर, खड़िया, नमक आदि।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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