"संगम": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र: | [[चित्र:Junction-Of-Gange-And-Yamuna-Allahabad.jpg|thumb|350px|मानचित्र में [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] का संगम, इलाहाबाद ([[1885]])]] | ||
'''संगम''' का अर्थ है मिलन अथवा सम्मिलन। [[इलाहाबाद]] में [[गंगा]], [[यमुना]] और [[सरस्वती]] के मिलन स्थल को संगम | '''संगम''' का अर्थ है मिलन अथवा सम्मिलन। [[इलाहाबाद]] में [[गंगा]], [[यमुना]] और [[सरस्वती]] के मिलन स्थल को संगम कहा जाता है। [[साधु]] [[सन्त|सन्तों]] को यहाँ हमेशा पूजा पाठ करते हुए देखा जा सकता है। यहाँ वर्ष भर लाखों श्रद्धालु आते है और संगम में डुबकी लगाकर अपने आपको धन्य समझते हैं। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा बेहद सुन्दर लगता है। | ||
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संगम तट पर लगने वाले [[कुम्भ मेला|कुम्भ मेले]] के बिना [[इलाहाबाद का इतिहास]] अधूरा है। प्रत्येक बारह [[वर्ष]] में यहाँ पर 'महाकुम्भ मेले' का आयोजन होता है, जो कि अपने में एक लघु भारत का दर्शन करने के समान है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष लगने वाले [[माघ स्नान]] और कल्पवास का भी आध्यात्मिक महत्व है। [[महाभारत]] के [[महाभारत अनुशासन पर्व|अनुशासन पर्व]] के अनुसार [[माघ मास]] में तीन करोड़ दस हज़ार [[तीर्थ]] [[इलाहाबाद]] में एकत्र होते हैं और विधि-विधान से यहाँ [[ध्यान]] और कल्पवास करने से मनुष्य स्वर्गलोक का अधिकारी बनता है। '[[पद्मपुराण]]' के अनुसार इलाहाबाद में माघ मास के समय तीन दिन पर्यन्त संगम [[स्नान]] करने से प्राप्त फल [[पृथ्वी]] पर एक हज़ार [[अश्वमेध यज्ञ]] करने से भी नहीं प्राप्त होता- | संगम तट पर लगने वाले [[कुम्भ मेला|कुम्भ मेले]] के बिना [[इलाहाबाद का इतिहास]] अधूरा है। प्रत्येक बारह [[वर्ष]] में यहाँ पर 'महाकुम्भ मेले' का आयोजन होता है, जो कि अपने में एक लघु भारत का दर्शन करने के समान है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष लगने वाले [[माघ स्नान]] और कल्पवास का भी आध्यात्मिक महत्व है। [[महाभारत]] के [[महाभारत अनुशासन पर्व|अनुशासन पर्व]] के अनुसार [[माघ मास]] में तीन करोड़ दस हज़ार [[तीर्थ]] [[इलाहाबाद]] में एकत्र होते हैं और विधि-विधान से यहाँ [[ध्यान]] और कल्पवास करने से मनुष्य स्वर्गलोक का अधिकारी बनता है। '[[पद्मपुराण]]' के अनुसार इलाहाबाद में माघ मास के समय तीन दिन पर्यन्त संगम [[स्नान]] करने से प्राप्त फल [[पृथ्वी]] पर एक हज़ार [[अश्वमेध यज्ञ]] करने से भी नहीं प्राप्त होता- | ||
<blockquote><poem>प्रयागे माघमासे तु त्र्यहं स्नानस्य यत्फलम्। | <blockquote><poem>प्रयागे माघमासे तु त्र्यहं स्नानस्य यत्फलम्। | ||
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एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- संगम (बहुविकल्पी) |

संगम का अर्थ है मिलन अथवा सम्मिलन। इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन स्थल को संगम कहा जाता है। साधु सन्तों को यहाँ हमेशा पूजा पाठ करते हुए देखा जा सकता है। यहाँ वर्ष भर लाखों श्रद्धालु आते है और संगम में डुबकी लगाकर अपने आपको धन्य समझते हैं। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा बेहद सुन्दर लगता है। इन्हें भी देखें: त्रिवेणी संगम, कुम्भ मेला एवं संगम (इलाहाबाद)
कुम्भ मेला

संगम तट पर लगने वाले कुम्भ मेले के बिना इलाहाबाद का इतिहास अधूरा है। प्रत्येक बारह वर्ष में यहाँ पर 'महाकुम्भ मेले' का आयोजन होता है, जो कि अपने में एक लघु भारत का दर्शन करने के समान है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष लगने वाले माघ स्नान और कल्पवास का भी आध्यात्मिक महत्व है। महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार माघ मास में तीन करोड़ दस हज़ार तीर्थ इलाहाबाद में एकत्र होते हैं और विधि-विधान से यहाँ ध्यान और कल्पवास करने से मनुष्य स्वर्गलोक का अधिकारी बनता है। 'पद्मपुराण' के अनुसार इलाहाबाद में माघ मास के समय तीन दिन पर्यन्त संगम स्नान करने से प्राप्त फल पृथ्वी पर एक हज़ार अश्वमेध यज्ञ करने से भी नहीं प्राप्त होता-
प्रयागे माघमासे तु त्र्यहं स्नानस्य यत्फलम्।
नाश्वमेधसस्त्रेण तत्फलं लभते भुवि।।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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