- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी को से प्रारम्भ करना चाहिए।
- विष्णुधर्मोत्तरपुराण[1] में दस विश्वेदेवों के नाम दिये गये हैं, जो केशव की अभिव्यक्तियाँ हैं।
- मण्डलों या प्रतिमा रूपों में उनकी पूजा, एक वर्ष तक करनी चाहिए।
- अन्त में स्वर्ण का दान करना चाहिए।
- इससे विश्वेदेवलोक की प्राप्ति होती है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|