- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- भुवनेश्वर की 14 यात्राओं में यह प्रथम है।
- मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को किया जाता है।
- प्रथम पुत्र की दीर्धायु के लिए सम्पादित किया जाता है।
- गणेश एवं वरुण की पूजा कर भूवनेश्वर को प्रणाम किया जाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गदाधरपद्धति (कालसार 115-116, 191
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