सत्कुलावाप्ति व्रत
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- सत्कुलावाप्तिव्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर आरम्भ होता है।
- तीन रंगों के पुष्पों एवं लेपों से विष्णु की पूजा की जाती है।
- त्रिमधुरों, तीन दीपों का अर्पण; जौ एवं तिल का होम; तीन धातुओं (सोना, रजत एवं ताम्र) का दान करना चाहिए। [1]
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