"दुर्गन्ध दुर्भाग्यनाशन त्रयोदशी" के अवतरणों में अंतर

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*इससे शरीर की दुर्गन्धियों एवं दुर्भाग्य दूर होते हैं।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड 2, 14-16</ref>
 
*इससे शरीर की दुर्गन्धियों एवं दुर्भाग्य दूर होते हैं।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड 2, 14-16</ref>
  
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09:33, 21 मार्च 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को यह व्रत होता है।
  • इसमें तीन वृक्षों की पूजा की जाती है, यथा—श्वेत मदार या अर्क, लाल करवीर एवं निम्ब, जो कि सूर्य के प्रिय कहे जाते हैं।
  • यह पूजा प्रति वर्ष होती है।
  • इससे शरीर की दुर्गन्धियों एवं दुर्भाग्य दूर होते हैं।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड 2, 14-16

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