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06:42, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष में जब तक सूर्य वृश्चिक राशि में 14 अंश न पहुँच जाए।[1]
- निर्णयामृत[2] ने इसका वर्णन किया है, गीत, संगीत का प्रयोग, वैदिक मन्त्रों का उच्च स्वर से पाठट तक है।
- ब्रह्मा, अनन्त एवं दिक्पालों की पूजा की जाती है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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