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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*धात्री (आमलक) के फल के साथ दोनों पक्षों की एकादशी को स्नान करके यह व्रत किया जाता है।<ref>[[पद्म पुराण]] (5|58|1-11)।</ref> | *धात्री (आमलक) के फल के साथ दोनों पक्षों की एकादशी को स्नान करके यह व्रत किया जाता है।<ref>[[पद्म पुराण]] (5|58|1-11)।</ref> | ||
*धात्री फल वासुदेव को प्यारा लगता है। | *धात्री फल वासुदेव को प्यारा लगता है। | ||
*इसे खाने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। | *इसे खाने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। | ||
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12:32, 15 जून 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- धात्री (आमलक) के फल के साथ दोनों पक्षों की एकादशी को स्नान करके यह व्रत किया जाता है।[1]
- धात्री फल वासुदेव को प्यारा लगता है।
- इसे खाने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पद्म पुराण (5|58|1-11)।
अन्य संबंधित लिंक
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