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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*यह व्रत [[चैत्र]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[तृतीया]] को आरम्भ करना चाहिए। | *यह व्रत [[चैत्र]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[तृतीया]] को आरम्भ करना चाहिए। | ||
*इस दिन पालने (झूले) पर [[रामचन्द्र]] की प्रतिमा रखी जाती है और एक [[मास]] तक झुलायी जाती है, जो लोग यह झूला देखते हैं, वे एक सहस्र पापों से मुक्त हो जाते हैं। <ref>स्मृतिकौस्तुभ (91)।</ref> | *इस दिन पालने (झूले) पर [[राम|रामचन्द्र]] की प्रतिमा रखी जाती है और एक [[मास]] तक झुलायी जाती है, जो लोग यह झूला देखते हैं, वे एक सहस्र पापों से मुक्त हो जाते हैं। <ref>स्मृतिकौस्तुभ (91)।</ref> | ||
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07:11, 8 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को आरम्भ करना चाहिए।
- इस दिन पालने (झूले) पर रामचन्द्र की प्रतिमा रखी जाती है और एक मास तक झुलायी जाती है, जो लोग यह झूला देखते हैं, वे एक सहस्र पापों से मुक्त हो जाते हैं। [1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्मृतिकौस्तुभ (91)।
संबंधित लिंक
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