खुले बंदों

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खुले बंदों एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- सब के सामने, डंके की चोट पर।

प्रयोग- लोग उन्हें आते-जाते देखकर खुले बंदों उनका उपहास करते थे। (प्रेमचंद)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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