बखिया उधेड़ना

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बखिया उधेड़ना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- रहस्य खोलना।

प्रयोग- नहीं, नहीं, नहीं मेरे पति पर इल्ज़ाम मत लगाइए। मैं जानती हूँ, आख़िर में यही इल्ज़ाम घूमकर मुझ पर आएगा। मेरी भरी पूरी ज़िंदगी की बखिया उधेडे़गा। (कमलेश्वर)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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