भूमिका बाँधना
अर्थ- आधार तैयार करना।
प्रयोग- आँचल आँखो पर रखकर सुभद्रा रोने का उपक्रम करने लगी। अहल्या ने देखा, आँखों के कोरे सूखे ही थे, अकेले कंठ स्वर के नकली उतार चढ़ाव से ही रोने की भूमिका बाँधी जा रही थी।
अर्थ- आधार तैयार करना।
प्रयोग- आँचल आँखो पर रखकर सुभद्रा रोने का उपक्रम करने लगी। अहल्या ने देखा, आँखों के कोरे सूखे ही थे, अकेले कंठ स्वर के नकली उतार चढ़ाव से ही रोने की भूमिका बाँधी जा रही थी।