गाँठ में कुछ होना
अर्थ- पल्ले धन होना।
प्रयोग- यहाँ हम मज़दूरों का कहाँ गुज़र है महाराज! गाँठ में कुछ हो तभी तो। --प्रेमचंद।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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