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'''अर्थ'''- व्यर्थ होना।
 
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'''प्रयोग'''- वहाँ की स्त्रियाँ जो चंचल चितवन चलावेंगी उनपर यदि तुम न रीझे तो समझ लेना तुम्हारा जन्म अकारथ ही हुआ। (सीतराम चतुर्वेदी)
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'''प्रयोग'''- वहाँ की स्त्रियाँ जो चंचल चितवन चलावेंगी, उन पर यदि तुम न रीझे तो समझ लेना तुम्हारा जन्म अकारथ ही हुआ ...[[सीताराम चतुर्वेदी]]
  
  
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==संबंधित लेख==
 
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[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
 
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12:17, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

अकारथ होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- व्यर्थ होना।

प्रयोग- वहाँ की स्त्रियाँ जो चंचल चितवन चलावेंगी, उन पर यदि तुम न रीझे तो समझ लेना तुम्हारा जन्म अकारथ ही हुआ ...सीताराम चतुर्वेदी


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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