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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हम्पी]]'''</div>
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*'हम्पी' मध्यकालीन हिन्दू राज्य [[विजयनगर साम्राज्य]] की राजधानी था। [[तुंगभद्रा नदी]] के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी के नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी।  
*'हम्पी' मध्यकालीन हिन्दू राज्य [[विजयनगर साम्राज्य]] की राजधानी था। [[तुंगभद्रा नदी]] के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी के नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी।  
*[[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।  
*[[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।  
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हैदराबाद]]'''</div>
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*दक्षिण पू्र्वी [[भारत]] में स्थित हैदराबाद शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद [[गोलकुंडा]] के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया था, जिनके शासन में [[गोलकुंडा]] ने वह महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया, जहाँ केवल उत्तर में [[मुग़ल काल|मुग़ल साम्राज्य]] ही उससे आगे था।
*दक्षिण पू्र्वी [[भारत]] में स्थित हैदराबाद शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद [[गोलकुंडा]] के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया था, जिनके शासन में [[गोलकुंडा]] ने वह महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया, जहाँ केवल उत्तर में [[मुग़ल काल|मुग़ल साम्राज्य]] ही उससे आगे था।
*हैदराबाद की नींव बसाते समय [[मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह]] को एक स्थानीय बंजारा लड़की भागमती से प्रेम हो गया। भागमती से शादी के बाद उसने इस शहर का नाम 'भाग्यनगरम' रखा। तत्कालीन चलन के अनुरूप [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] स्वीकार करने के बाद, भागमती का नाम हैदर महल रखा गया और शहर को भी हैदराबाद नाम मिला।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=389 |title=हैदराबाद |accessmonthday=[[23 जनवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह डॉट कॉम |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
*हैदराबाद की नींव बसाते समय [[मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह]] को एक स्थानीय बंजारा लड़की भागमती से प्रेम हो गया। भागमती से शादी के बाद उसने इस शहर का नाम 'भाग्यनगरम' रखा। तत्कालीन चलन के अनुरूप [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] स्वीकार करने के बाद, भागमती का नाम हैदर महल रखा गया और शहर को भी हैदराबाद नाम मिला।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=389 |title=हैदराबाद |accessmonthday=[[23 जनवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह डॉट कॉम |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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*[[पटना]] से 90 किलोमीटर दूर और [[बिहार शरीफ़]] से क़रीब 12 किलोमीटर दक्षिण में, विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय नालंदा के खण्डहर स्थित हैं।  
*[[पटना]] से 90 किलोमीटर दूर और [[बिहार शरीफ़]] से क़रीब 12 किलोमीटर दक्षिण में, विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय नालंदा के खण्डहर स्थित हैं।  
* गुप्तकालीन [[कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य|सम्राट कुमारगुप्त प्रथम]] ने 415-454 ईसा पूर्व नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की थी।
* गुप्तकालीन [[कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य|सम्राट कुमारगुप्त प्रथम]] ने 415-454 ईसा पूर्व नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की थी।

10:34, 20 सितम्बर 2011 का अवतरण

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विशेष आलेख
हम्पी के अवशेष
हम्पी के अवशेष
  • 'हम्पी' मध्यकालीन हिन्दू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी के नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी।
  • भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।
  • प्रसिद्ध मध्यकालीन विजयनगर राज्य के खंडहर हम्पी के निकट विशाल खंडहरों के रूप में पड़े हुए हैं। कहते हैं कि पम्पपति के कारण ही इस स्थान का नाम हम्पी हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण 'ह' कहते हैं और पंपपति को हंपपति (हंपपथी) कहते हैं। हम्पी हम्पपति का ही लघुरूप है।
  • यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल हम्‍पी भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 2002 में भारत सरकार ने इसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। .... और पढ़ें
चयनित लेख
चारमीनार
चारमीनार
  • दक्षिण पू्र्वी भारत में स्थित हैदराबाद शहर आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया था, जिनके शासन में गोलकुंडा ने वह महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया, जहाँ केवल उत्तर में मुग़ल साम्राज्य ही उससे आगे था।
  • हैदराबाद की नींव बसाते समय मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह को एक स्थानीय बंजारा लड़की भागमती से प्रेम हो गया। भागमती से शादी के बाद उसने इस शहर का नाम 'भाग्यनगरम' रखा। तत्कालीन चलन के अनुरूप इस्लाम स्वीकार करने के बाद, भागमती का नाम हैदर महल रखा गया और शहर को भी हैदराबाद नाम मिला।[1]
  • ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर हैदराबाद भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी एक अलग अहमियत रखता है। इस शहर को विविध संस्कृतियों के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं।
  • हैदराबाद पहुँचने के लिए सभी प्रकार की यातायात सुविधाएँ उपलब्ध है। हैदराबाद पर्यटक आसानी से पहुँच सकते हैं। ऐतिहासिक स्थलों अजंता और एलोरा से जुड़े औरंगाबाद के लिए भी साधन उपलब्ध हैं। .... और पढ़ें
चयनित लेख
नालन्दा विश्‍वविद्यालय
नालन्दा विश्‍वविद्यालय
  • पटना से 90 किलोमीटर दूर और बिहार शरीफ़ से क़रीब 12 किलोमीटर दक्षिण में, विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय नालंदा के खण्डहर स्थित हैं।
  • गुप्तकालीन सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने 415-454 ईसा पूर्व नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की थी।
  • नालंदा संस्कृत शब्‍द 'नालम् + दा' से बना है। संस्‍कृत में 'नालम' का अर्थ 'कमल' होता है। कमल ज्ञान का प्रतीक है। नालम् + दा यानी कमल देने वाली, ज्ञान देने वाली। कालक्रम से यहाँ महाविहार की स्‍थापना के बाद इसका नाम 'नालंदा महाविहार' रखा गया।
  • 630 ई. में जब युवानच्वांग यहाँ आए थे तब यह विश्वविद्यालय अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ दस सहस्त्र विद्यार्थी और एक सहस्त्र आचार्य थे।
  • प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था।
  • नालंदा के विद्यार्थियों के द्वारा ही एशिया में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का विस्तृत प्रचार व प्रसार हुआ था। यहाँ के विद्यार्थियों और विद्वानों की मांग एशिया के सभी देशों में थी और उनका सर्वत्रादर होता था। .... और पढ़ें
चयनित चित्र

बृहदेश्वर मन्दिर, गंगैकोंडचोलपुरम
बृहदेश्वर मन्दिर, गंगैकोंडचोलपुरम

बृहदेश्वर मन्दिर, गंगैकोंडचोलपुरम
कुछ लेख
पर्यटन श्रेणी वृक्ष

इन्हें भी देखें: पर्यटन चित्रावली

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हैदराबाद (हिन्दी) यात्रा सलाह डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 23 जनवरी, 2011

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