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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[खजुराहो]]'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[गंगा नदी|गंगा नदी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|150px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]] </div>
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<div id="rollnone"> [[चित्र:Ganga-River-Varanasi.jpg|right|100px|गंगा नदी, वाराणसी|link=गंगा नदी]] </div>
*दुनिया को [[भारत]] का '''खजुराहो के कलात्मक मंदिर''' एक अनमोल तोहफ़ा हैं। खजुराहो, भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है।  
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*[[भारत]] की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, जो भारत और [[बांग्लादेश]] में कुल मिलाकर 2,510 किमी की दूरी तय करती हुई [[उत्तरांचल]] में [[हिमालय]] से लेकर [[बंगाल की खाड़ी]] के [[सुंदरवन]] तक विशाल भू भाग को सींचती है।
*खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। चंदेल शासकों ने '''इन मंदिरों की तामीर सन 900 से 1130 ईसवी''' के बीच करवाई थी।
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*100 फीट (31 मी) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है।
*खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है। चंदेल राजाओं ने क़रीब 84 बेजोड़ व लाजवाब मंदिरों की तामीर करवाई थी लेकिन उनमें से अभी तक सिर्फ़ 22 मंदिरों की ही खोज हो पाई है।  
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*गंगा नदी की प्रधान शाखा [[भागीरथी नदी|भागीरथी]] है जो कुमायूँ में '''हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद''' से निकलती है। गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है।
*इतिहास में इन मंदिरों का सबसे पहला जो उल्लेख मिलता है, वह अबू रिहान [[अल बरूनी]] (1022 ईसवी) तथा अरब मुसाफ़िर [[इब्न बतूता]] का है।  
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*[[यमुना]] गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है।
*खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।
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*गंगा नदी पर निर्मित अनेक बाँध भारतीय जन-जीवन तथा अर्थ व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनमें प्रमुख हैं फ़रक्का बाँध, टिहरी बाँध, तथा भीमगोडा बाँध।
*यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की कला पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
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*गंगा नदी '''विश्व भर में अपनी शुद्धीकरण क्षमता''' के कारण जानी जाती है। लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धीकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है। [[गंगा नदी|.... और पढ़ें]]'''
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम में स्‍थित है तथा निकटतम रेलवे स्‍टेशनों अर्थात् महोबा, सतना और [[झाँसी]] से पक्‍की सड़कों से खजुराहो अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
 
 
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| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>  
 
| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>  
 
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[जैसलमेर]]'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रत्न|रत्न]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|right|150px|जैसलमेर का क़िला|link=जैसलमेर का क़िला]] </div>
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<div id="rollnone"> [[चित्र:Gemstone.jpg|right|100px|रत्न|link=रत्न]] </div>
*अनुपम वस्तुशिल्प, मधुर लोक सगींत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने मे संजोये हुये जैसलमेर '''स्वर्ण नगरी''' के रुप मे विख्यात है।
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*रत्न आकर्षक [[खनिज]] का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।  
*जैसलमेर, पश्चिमोत्तर भारत के [[राजस्थान]] राज्य में स्थित है। इसकी पश्चिम-उत्तरी सीमा [[पाकिस्तान]] के साथ लगती है तथा उत्तर-पूर्व में [[बीकानेर]], दक्षिण में बाड़मेर तथा पूर्व में इसकी सीमा [[जोधपुर]] से मिलती है।  
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*रत्न अपनी '''चमक और अन्य भौतिक गुणों''' के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है।
*पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात '''जैसलमेर की स्थापना 1156 में''' राजपूतों के सरदार [[रावल जैसल]] ने की थी।
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*रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।
*जैसलमेर, राजस्थान में [[पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन जैन मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है, जिसमें प्राचीन [[संस्कृत]] तथा '''प्राकृत पांडुलिपियाँ''' रखी हुई हैं।
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*रत्नों का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन है। [[भारत]] की तरह अन्य देशों में भी इनके जन्म सम्बंधी अनगिनत कथाएं प्रचलित हैं।
*जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का [[जैसलमेर क़िला|क़िला]] है। यह '''स्थापत्य का सुंदर नमूना''' है। इसमें बारह सौ घर हैं।
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*भारतीय मान्यता के अनुसार '''कुल 84 रत्न''' पाए जाते हैं, जिनमें [[माणिक्य]], [[हीरा]], [[मोती]], [[नीलम]], [[पन्ना]], [[मूँगा]], [[गोमेद]], तथा वैदूर्य ([[लहसुनिया]]) को नवरत्न माना गया है।
*जैसलमेर राज्य का संपूर्ण भाग '''रेतीला व पथरीला''' होने के कारण यहाँ का तापमान मई-जून में अधिकतम 48<sup>०</sup> सेंटीग्रेड तथा दिसम्बर-जनवरी में न्यूनतम 4<sup>०</sup> सेंटीग्रेड रहता है '''[[जैसलमेर|.... और पढ़ें]]'''
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*रत्नों को तीन श्रेणियों '''पाषाण रत्न''', '''प्राणिज रत्न''' और '''वनस्पतिक रत्न''' में बांटा गया है। [[रत्न|.... और पढ़ें]]'''
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| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''चयनित लेख'''</span></div>
 
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सारनाथ|सारनाथ]]'''</div>
 
<div id="rollnone"> [[चित्र:Sanchi-Buddhist-Stuppa-2.jpg|right|100px|साँची स्तूप, सारनाथ|link=सारनाथ]] </div>
 
*सारनाथ [[काशी]] से सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है, ज्ञान प्राप्त करने के बाद [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने प्रथम उपदेश यहाँ दिया था, यहाँ से ही उन्होंने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया।
 
*सारनाथ में '''सारंगनाथ महादेव का मन्दिर''' है, यहाँ [[श्रावण|सावन]] के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। यह जैन तीर्थ है और जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर बताया है।
 
*सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें- [[अशोक]] का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार हैं। 
 
*सारनाथ का प्राचीन नाम '''ऋषिपतन''' (हिरनों का जंगल) था। आधुनिक नाम ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात [[गौतम बुद्ध]] से हुई।
 
*सारनाथ क्षेत्र की खुदाई से '''गुप्तकालीन अनेक कलाकृतियां तथा बुद्ध प्रतिमाएँ''' प्राप्त हुई हैं जो वर्तमान संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
 
*सारनाथ से कई महत्त्वपूर्ण अभिलेख भी मिले हैं जिनमें प्रमुख काशीराज प्रकटादित्य का शिलालेख है। [[सारनाथ|.... और पढ़ें]]'''
 
 
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* [[हिमालय]]
 
* [[हिमालय]]
 
* [[नर्मदा नदी]]
 
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* [[रत्न]]
 
* [[सूरजमुखी]]
 
* [[सूरजमुखी]]
 
* [[अमरुद]]
 
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* [[भूमध्य सागर]]
 
* [[भूमध्य सागर]]
 
* [[पपीता]]
 
* [[पपीता]]
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* [[भागीरथी नदी]]
 
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11:58, 2 दिसम्बर 2010 का अवतरण

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♦ यहाँ आप भारत के भूगोल संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
♦ पर्यटन के अनेक प्रकार हैं जैसे- सांस्कृतिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, धार्मिक, शैक्षिक, पुरातत्व, विरासत-परम्परा, रोमांचक और वन्य जीवन आदि

भूगोल मुखपृष्ठ

Geo-menu7.jpg

♦ प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।
♦ वर्ष 2007 में, 90.3 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई। 2007 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियाँ अमरीकी डॉलर 856 अरब थी।

विशेष आलेख

गंगा नदी, वाराणसी
  • भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, जो भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2,510 किमी की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू भाग को सींचती है।
  • 100 फीट (31 मी) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है।
  • गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो कुमायूँ में हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है। गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है।
  • यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है।
  • गंगा नदी पर निर्मित अनेक बाँध भारतीय जन-जीवन तथा अर्थ व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनमें प्रमुख हैं फ़रक्का बाँध, टिहरी बाँध, तथा भीमगोडा बाँध।
  • गंगा नदी विश्व भर में अपनी शुद्धीकरण क्षमता के कारण जानी जाती है। लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धीकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है। .... और पढ़ें
चयनित लेख

रत्न
  • रत्न आकर्षक खनिज का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • रत्न अपनी चमक और अन्य भौतिक गुणों के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है।
  • रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।
  • रत्नों का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन है। भारत की तरह अन्य देशों में भी इनके जन्म सम्बंधी अनगिनत कथाएं प्रचलित हैं।
  • भारतीय मान्यता के अनुसार कुल 84 रत्न पाए जाते हैं, जिनमें माणिक्य, हीरा, मोती, नीलम, पन्ना, मूँगा, गोमेद, तथा वैदूर्य (लहसुनिया) को नवरत्न माना गया है।
  • रत्नों को तीन श्रेणियों पाषाण रत्न, प्राणिज रत्न और वनस्पतिक रत्न में बांटा गया है। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
भूगोल श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

बुलंद दरवाजा, फ़तेहपुर सीकरी, आगरा

संबंधित लेख

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