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संकर्षण भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई 'बलराम' का ही एक अन्य नाम है, जिन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है। हिन्दू धर्म में कहीं-कहीं इन्हें भगवान विष्णु के अवतारों में भी गिना जाता है।
- ब्रज के राजा बलराम या दाऊजी महाराज के जन्म के विषय में 'गर्ग पुराण' के अनुसार देवकी के सप्तम गर्भ को योगमाया ने संकर्षण कर रोहिणी के गर्भ में पहुँचाया था।[1]
- भाद्रपद शुक्ल षष्ठी के स्वाति नक्षत्र में वसुदेव की पत्नी रोहिणी, जो कि नन्दबाबा के यहाँ रहती थीं, के गर्भ से अनन्तदेव शेषावतार प्रकट हुए। इस कारण दाऊजी महाराज का दूसरा नाम 'संकर्षण' हुआ।
- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि बुधवार के दिन मध्याह्न 12 बजे तुला लग्न तथा स्वाति नक्षत्र में बल्देव जी का जन्म हुआ था।
- बल्देव जी के जन्म के समय पाँच ग्रह उच्च थे। इस समय आकाश से छोटी-छोटी वर्षा की बूँदें और देवता पुष्पों की वर्षा कर रहे थे।
मुख्य लेख : बलराम
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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