आम्रपाली

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  • आम्रपाली राजा चेतक के जमाने में वैशाली की राजनर्तकी थी।
  • गौतम बुद्ध के वैशाली पधारने पर आम्रपाली ने उन्हें अपने यहाँ भोजन करने के लिए आमत्रित किया था, और भगवान बुद्ध के पहुँचने पर उन्हें भोजन कराया था।
  • अपने महल और आम्रकानन को संघ के लिए दान में दिया तथा वहाँ 'विहार' का निर्माण करने का आग्रह किया। आम्रपाली देशभक्ति की परीक्षा में उस समय खरी उतरी जब अजातशत्रु ने आम्रपाली की शरण ली।
  • अजातशत्रु से प्रेम होने के बावजूद देशप्रेम की ख़ातिर अजातशत्रु के अनुग्रह को अस्वीकार कर अपने प्रेम की आहूति दे दी। परन्तु अपने देश और राजा से विश्वासघात करने से इनकार कर दिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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