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06:17, 9 जून 2016 के समय का अवतरण
कात्यायन कत ऋषि के गोत्र में उत्पन्न ऋषियों को कहा गया है। प्राचीन साहित्य में कई कात्यायनों के संदर्भ मिलते हैं। हिन्दू धर्मग्रंथों से जिन कात्यायनों का परिचय मिलता है, उनमें तीन प्रधान हैं-
- कात्यायन (विश्वामित्रवंशीय) - एक ऋषि जिन्होंने श्रोत, गृह्य और प्रतिहार सूत्रों की रचना की थी।
- कात्यायन (गोमिलपुत्र) - जिन्होंने 'छंदोपरिशिष्टकर्मप्रदीप' की रचना की थी।
- कात्यायन (वररुचि) - सोमदत्त के पुत्र, जो पाणिनीय सूत्रों के प्रसिद्ध वार्तिककार थे।
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