गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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| style="border:1px solid #b79876; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="bg58" valign="top" | | | style="border:1px solid #b79876; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="bg58" valign="top" | | ||
<div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''विशेष आलेख'''</div> | <div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''विशेष आलेख'''</div> | ||
− | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | + | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिन्दू धर्म]]'''</div> |
− | <div id="rollnone"> [[चित्र: | + | <div id="rollnone"> [[चित्र:Swt red.jpg|right|120px|स्वस्तिक|link=हिन्दू धर्म]] </div> |
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− | + | '''[[हिन्दू धर्म]]''' [[भारत]] का सर्वप्रमुख धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण 'सनातन धर्म' भी कहा जाता है। [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]], [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]] आदि धर्मों के समान हिन्दू धर्म किसी पैगम्बर या व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित धर्म नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं एवं विश्वासों का समुच्चय है। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम [[देवता|देवताओं]], भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक, सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान् परम्पराओं का उत्तम समन्वय दर्शाता है। एक ओर इसमें वैदिक तथा पुराणकालीन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना होती है, तो दूसरी ओर कापलिक और अवधूतों द्वारा भी अत्यंत भयावह कर्मकांडीय आराधना की जाती है। '''[[हिन्दू धर्म|.... और पढ़ें]]''' | |
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| style="border:solid thin #c1a280; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="bg59" valign="top" colspan="2"| | | style="border:solid thin #c1a280; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="bg59" valign="top" colspan="2"| | ||
<div style="padding-left:8px; background:#f6e5d3; border:thin solid #c1a280;">'''चयनित लेख'''</div> | <div style="padding-left:8px; background:#f6e5d3; border:thin solid #c1a280;">'''चयनित लेख'''</div> | ||
− | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | + | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[गणेश]]'''</div> |
− | <div id="rollnone"> [[चित्र: | + | <div id="rollnone"> [[चित्र:Ganesa-Mathura-Museum-35.jpg|right|120px|गणेश, राजकीय संग्रहालय मथुरा|link=गणेश]] </div> |
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− | + | '''[[गणेश]]''' [[भारत]] के अति प्राचीन देवता हैं। [[ऋग्वेद]] में गणपति शब्द आया है। [[यजुर्वेद]] में भी इनका उल्लेख है। पुराणों में गणेश के संबंध में अनेक आख्यान वर्णित है। एक के अनुसार [[शनि देव|शनि]] की दृष्टि पड़ने से शिशु गणेश का सिर जल कर भस्म हो गया। इस पर दुःखी [[पार्वती]] से [[ब्रह्मा]] ने कहा- जिसका सिर सर्वप्रथम मिले उसे गणेश के सिर पर लगा दो। पहला सिर [[हाथी]] के बच्चे का ही मिला। इस प्रकार गणेश ‘गजानन’ बन गए। धार्मिक मान्यतानुसार [[हिन्दू धर्म]] में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। सभी [[देवता|देवताओं]] में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। [[भाद्रपद]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[चतुर्थी]] को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। ये भगवान [[शिव]] और [[पार्वती देवी|पार्वती]] के दूसरे पुत्र हैं। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। '''[[गणेश|.... और पढ़ें]]''' | |
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− | [[चित्र: | + | [[चित्र:Radha Kund Govardhan Mathura 1.jpg|250px|राधाकुण्ड, गोवर्धन|center]] |
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− | <div style="text-align:center;">[[ | + | <div style="text-align:center;">[[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड, गोवर्धन]]</div> |
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11:22, 8 सितम्बर 2017 का अवतरण
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