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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
*सर्वोषधि की मुख्य [[ओषधि|ओषधियाँ]] हैं, यथा–[[मुरा]], [[मांसी]], [[वचा]], [[कुष्ठ]], [[शैलज]], दो [[हरिद्राएँ]], [[शुण्ठी]] (सूखी अदरक), [[चम्पक]] एवं [[मुस्ता]]।
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*सर्वोषधि की मुख्य [[औषधि|औषधियाँ]] हैं, यथा – [[मुरा]], [[मांसी]], [[वचा]], [[कुष्ठ]], [[शैलज]], दो [[हरिद्राएँ]], [[शुण्ठी]] <ref>सूखी अदरक</ref>, [[चम्पक]] एवं [[मुस्ता]]।
*[[अग्निपुराण]]<ref>(अग्निपुराण 177|13)</ref>, मदनरत्न (शान्ति पर), कृत्यकल्पतरु (शान्तिक); वर्षक्रियाकौमुदी में 212, सर्वोषधि के दस नाम आये हैं।
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*[[अग्निपुराण]]<ref>अग्निपुराण 177|13</ref>, मदनरत्न <ref>शान्ति पर</ref>, कृत्यकल्पतरु<ref>शान्तिक</ref>; वर्षक्रियाकौमुदी<ref>वर्षक्रियाकौमुदी 212</ref> में सर्वोषधि के दस नाम आये हैं।
*पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>(पुरुषार्थचिन्तामणि 307)</ref>; व्रतराज<ref>(व्रतराज 16)</ref> दस नाम है, किन्तु विभिन्न रूप से वर्णित हैं।
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*पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि 307</ref>; व्रतराज<ref>व्रतराज 16</ref> दस नाम है, किन्तु विभिन्न रूप से वर्णित हैं।
*हेमाद्रि<ref>(हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, पृ, 49)</ref> में आया है–'कुष्ठ मांसी हरिद्रे द्वे मुरा शैलेयचन्दनम्। वचा चम्पकमुस्ते च सर्वोषध्यो दश स्मृता:।।'
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'कुष्ठ मांसी हरिद्रे द्वे मुरा शैलेयचन्दनम्।
वचा चम्पकमुस्ते च सर्वोषध्यो दश स्मृता:।।'


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूखी अदरक
  2. अग्निपुराण 177|13
  3. शान्ति पर
  4. शान्तिक
  5. वर्षक्रियाकौमुदी 212
  6. पुरुषार्थचिन्तामणि 307
  7. व्रतराज 16
  8. हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, पृ, 49

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