"दशरथललिता व्रत" के अवतरणों में अंतर

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
 
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[आश्विन]] [[शु्क्ल पक्ष]] की दशमी को यह व्रत किया जाता है।
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*[[आश्विन]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[दशमी]] को यह व्रत किया जाता है।
 
*यह व्रत दस दिनों तक किया जाता है।
 
*यह व्रत दस दिनों तक किया जाता है।
 
*इस व्रत में ललिता को स्वर्ण-मूर्ति, चन्द्र एवं रोहिणी की रजत-मूर्तियों की देवी के समक्ष; शिवमूर्ति की दाहिने तथा गणेश-मूर्ति की बायें पार्श्व में पूजा में की जाती है।
 
*इस व्रत में ललिता को स्वर्ण-मूर्ति, चन्द्र एवं रोहिणी की रजत-मूर्तियों की देवी के समक्ष; शिवमूर्ति की दाहिने तथा गणेश-मूर्ति की बायें पार्श्व में पूजा में की जाती है।

11:34, 22 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी को यह व्रत किया जाता है।
  • यह व्रत दस दिनों तक किया जाता है।
  • इस व्रत में ललिता को स्वर्ण-मूर्ति, चन्द्र एवं रोहिणी की रजत-मूर्तियों की देवी के समक्ष; शिवमूर्ति की दाहिने तथा गणेश-मूर्ति की बायें पार्श्व में पूजा में की जाती है।
  • यह व्रत और पूजा दशरथ एवं कौशल्या ने की थी।
  • इसमें प्रतिदिन विभिन्न पुष्पों का प्रयोग किया जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड 2, 570-74

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