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*यह पूजा 5 वर्षों तक की जाती है।
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12:49, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष के अन्तिम दिन से माघ शुक्ल सप्तमी तक ये व्रत किया जाता है।
  • इस व्रत में नारायण की पूजा की जाती है।
  • यह पूजा 5 वर्षों तक की जाती है।
  • प्रत्येक वर्ष में निर्धारित ढंग से पाँच प्रस्थ-चावल, गेहूँ, नमक, तिल, माष का दान किया जाता है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. व्रतार्क (पाण्डुलिपि 362-बी—365ए

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