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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
 
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*यह दिवारात्रिव्रत है अतः ऐसी तिथि में किया जाता है जो कि रात्रि एवं दिन दोनों में पड़ती हो।<ref>निर्णयामृत 16-17</ref>  
 
*नक्त का अर्थ है दिन में कुछ न खाकर केवल रात्रि में ही खाना।  
 
*नक्त का अर्थ है दिन में कुछ न खाकर केवल रात्रि में ही खाना।  
 
*नक्तव्रत एक मास या चार मासों या फिर एक वर्ष तक चल सकता है।  
 
*नक्तव्रत एक मास या चार मासों या फिर एक वर्ष तक चल सकता है।  
*कृत्यरत्नाकर<ref>कृत्यरत्नाकर (पृ0 222, 255, 301-303, 406, 445, 477, 491-492)</ref> में श्रावण से माघ तक के मासों के नक्तव्रत का उल्लेख है।
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*[[लिंग पुराण]]<ref>लिंग पुराण, (1|83|3-54</ref> में एक वर्ष के नक्तव्रत की चर्चा है।<ref>और देखिए [[नारद पुराण]] (2|43|11-23)।</ref>
  
 
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12:43, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह दिवारात्रिव्रत है अतः ऐसी तिथि में किया जाता है जो कि रात्रि एवं दिन दोनों में पड़ती हो।[1]
  • नक्त का अर्थ है दिन में कुछ न खाकर केवल रात्रि में ही खाना।
  • नक्तव्रत एक मास या चार मासों या फिर एक वर्ष तक चल सकता है।
  • कृत्यरत्नाकर[2] में श्रावण से माघ तक के मासों के नक्तव्रत का उल्लेख है।
  • लिंग पुराण[3] में एक वर्ष के नक्तव्रत की चर्चा है।[4]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निर्णयामृत 16-17
  2. कृत्यरत्नाकर (पृ0 222, 255, 301-303, 406, 445, 477, 491-492
  3. लिंग पुराण, (1|83|3-54
  4. और देखिए नारद पुराण (2|43|11-23)।

अन्य संबंधित लिंक

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