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07:05, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कृत्यकल्पतरु[1], हेमाद्रि[2], एवं कृत्यरत्नाकर[3] के मत से पाँच रत्न ये हैं–सोना, हीरा (हीरक), नीलमणि (इन्द्रनील), पद्मराग (माणिक्य) एवं मोती।
- इन सभी ग्रन्थों ने कालिकापुराण का उद्धरण दिया है। किन्तु हेमाद्रि[4] ने आदित्य पुराण का उद्धरण देते हुए लिखा है, कि पाँच रत्न ये हैं–सोना, चाँदी, मोती, मूँगा, एवं माणिक।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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