व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "ते है।" to "ते हैं।") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
− | *व्रतराज (16) के मत से घी, दूध एवं मधु को 'मधुरत्रय' कहते | + | *व्रतराज (16) के मत से घी, दूध एवं मधु को 'मधुरत्रय' कहते हैं। |
08:30, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- व्रतराज (16) के मत से घी, दूध एवं मधु को 'मधुरत्रय' कहते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|