"मधुसूदन पूजा" के अवतरणों में अंतर

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*[[वैशाख]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] की [[द्वादशी]] पर यह व्रत किया जाता है।
 
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*[[विष्णु]] पूजा की जती है।  
 
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*कर्ता को 'अग्निष्टोम' का फल मिलता है और वह चन्द्रलोक जाता है।<ref>स्मृतिकौस्तुभ</ref> (114)
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*कर्ता को 'अग्निष्टोम' का फल मिलता है और वह चन्द्रलोक जाता है।<ref>स्मृतिकौस्तुभ (114)</ref>  
 
 
 
 
  

07:16, 10 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • वैशाख शुक्ल की द्वादशी पर यह व्रत किया जाता है।
  • विष्णु पूजा की जती है।
  • कर्ता को 'अग्निष्टोम' का फल मिलता है और वह चन्द्रलोक जाता है।[1]

 


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्मृतिकौस्तुभ (114)

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