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रौद्रविनायकयाग

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • जब गुरुवार पर एकादशी एवं पुष्य नक्षत्र हो या जब शनिवार रोहिणी से युक्त एकादशी में हो तो यह याग करना चाहिए।
  • इससे पुत्रों एवं कल्याण की प्राप्ति होती है।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 591)

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