"विशोक संक्रान्ति" के अवतरणों में अंतर

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
*जब अयन दिन या विषुव दिन पर व्यतिपातयोग हो तो कर्ता को तिलों से युक्त जल से स्नान करना चाहिए और एकभक्त रहना चाहिए।  
 
*जब अयन दिन या विषुव दिन पर व्यतिपातयोग हो तो कर्ता को तिलों से युक्त जल से स्नान करना चाहिए और एकभक्त रहना चाहिए।  
 
*उसे पंचगव्य से [[सूर्य देवता|सूर्य]] की स्वर्णिम प्रतिमा को नहलाना चाहिए।  
 
*उसे पंचगव्य से [[सूर्य देवता|सूर्य]] की स्वर्णिम प्रतिमा को नहलाना चाहिए।  
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10:26, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • जब अयन दिन या विषुव दिन पर व्यतिपातयोग हो तो कर्ता को तिलों से युक्त जल से स्नान करना चाहिए और एकभक्त रहना चाहिए।
  • उसे पंचगव्य से सूर्य की स्वर्णिम प्रतिमा को नहलाना चाहिए।
  • गंध, पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए, दो लाल वस्त्रों से आवृत करना चाहिए तथा उसे ताम्र पात्र में स्थापित करना चाहिए।
  • पाद से सिर तक विभिन्न नामों से सूर्य प्रतिमा की पूजा, अध्यर्पण, एक वर्ष तक, अन्त में सूर्य की पूजा, सूर्य को सम्बोधित मंत्रों से होम करनी चाहिए।
  • 12 कपिला गायों या दरिद्र होने पर एक गाय का दान करना चाहिए।
  • इससे दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • यह संक्रान्ति व्रत है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 742-743, पद्मपुराण से उद्धरण)।

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