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*[[चतुर्थी]] पर एकभक्त विधि से भोजन, सर्वप्रथम एक गृहस्थ और उसके उपरान्त 7 घरों को [[नमक]], [[धनिया]], [[जीरा]], [[मिर्च]], [[हींग]], [[सोंठ]] एवं मन:शिला के साथ [[हल्दी]] देना चाहिए।
 
*[[चतुर्थी]] पर एकभक्त विधि से भोजन, सर्वप्रथम एक गृहस्थ और उसके उपरान्त 7 घरों को [[नमक]], [[धनिया]], [[जीरा]], [[मिर्च]], [[हींग]], [[सोंठ]] एवं मन:शिला के साथ [[हल्दी]] देना चाहिए।
 
*शिताव्रत से समृद्धि की प्राप्ति होती है।<ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 531-532, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); कृत्यरत्नाकर (93-98)</ref>
 
*शिताव्रत से समृद्धि की प्राप्ति होती है।<ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 531-532, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); कृत्यरत्नाकर (93-98)</ref>
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10:49, 21 मार्च 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • चतुर्थी पर एकभक्त विधि से भोजन, सर्वप्रथम एक गृहस्थ और उसके उपरान्त 7 घरों को नमक, धनिया, जीरा, मिर्च, हींग, सोंठ एवं मन:शिला के साथ हल्दी देना चाहिए।
  • शिताव्रत से समृद्धि की प्राप्ति होती है।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 531-532, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); कृत्यरत्नाकर (93-98)

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