शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) छो (षष्ठीदेवी का नाम बदलकर षष्ठी देवी कर दिया गया है) |
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*[[ब्रह्मवैवर्त]]<ref>(ब्रह्मवैवर्त 2|43|3-72)</ref> में आया है कि [[षष्ठी]], मंगलचण्डी एवं मनसा प्रकृति के अंश हैं। | *[[ब्रह्मवैवर्त]]<ref>(ब्रह्मवैवर्त 2|43|3-72)</ref> में आया है कि [[षष्ठी]], मंगलचण्डी एवं मनसा प्रकृति के अंश हैं। | ||
*षष्ठी बच्चों की देवी हैं। | *षष्ठी बच्चों की देवी हैं। | ||
− | *उन्हें माताओं में [देवता|देव]] सेना कहा गया है। | + | *उन्हें माताओं में [[देवता|देव]] सेना कहा गया है। |
*वे [[स्कन्द]] की पत्नी हैं, वे बच्चों की रक्षा करती हैं, उन्हें दीर्घ जीवन देती हैं। | *वे [[स्कन्द]] की पत्नी हैं, वे बच्चों की रक्षा करती हैं, उन्हें दीर्घ जीवन देती हैं। | ||
*इस [[पुराण]] में सूतिका गृह में शिशु जन्म के छठे दिन देवी पूजा की कथा आयी है। | *इस [[पुराण]] में सूतिका गृह में शिशु जन्म के छठे दिन देवी पूजा की कथा आयी है। |
09:18, 10 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- ब्रह्मवैवर्त[1] में आया है कि षष्ठी, मंगलचण्डी एवं मनसा प्रकृति के अंश हैं।
- षष्ठी बच्चों की देवी हैं।
- उन्हें माताओं में देव सेना कहा गया है।
- वे स्कन्द की पत्नी हैं, वे बच्चों की रक्षा करती हैं, उन्हें दीर्घ जीवन देती हैं।
- इस पुराण में सूतिका गृह में शिशु जन्म के छठे दिन देवी पूजा की कथा आयी है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (ब्रह्मवैवर्त 2|43|3-72)
संबंधित लिंक
|