आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*इससे महान ज्ञान एवं अद्वितीय स्थिति की प्राप्ति होती है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 792, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से एक श्लोक)।</ref> | *इससे महान ज्ञान एवं अद्वितीय स्थिति की प्राप्ति होती है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 792, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से एक श्लोक)।</ref> | ||
+ | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
08:43, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत सप्तमी पर करना चाहिए।
- सात लोकों की पूजा करनी चाहिए।
- इससे महान ज्ञान एवं अद्वितीय स्थिति की प्राप्ति होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 792, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से एक श्लोक)।
संबंधित लेख
|