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*सर्वगंध व्रत में सभी सुगन्धित द्रव्य की पूजा करनी चाहिए।
 
*सर्वगंध व्रत में सभी सुगन्धित द्रव्य की पूजा करनी चाहिए।
 
*ये विभिन्न ढंगों से उल्लिखित हैं।
 
*ये विभिन्न ढंगों से उल्लिखित हैं।
*हेमाद्रि<ref>(हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 44)</ref> ने दो रूप दिये हैं।
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*हेमाद्रि<ref>हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 44</ref> ने दो रूप दिये हैं।
 
**[[कर्पूर]], [[चन्दन]], [[कस्तूरी]] एवं [[कुंकुम]] को बराबर मात्रा में सर्वगंध कहा जाता है।
 
**[[कर्पूर]], [[चन्दन]], [[कस्तूरी]] एवं [[कुंकुम]] को बराबर मात्रा में सर्वगंध कहा जाता है।
 
**कर्पूर, [[अगुरु]], [[कस्तूरी]], चन्दन, [[कक्कोल]]।
 
**कर्पूर, [[अगुरु]], [[कस्तूरी]], चन्दन, [[कक्कोल]]।

12:46, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • सर्वगंध व्रत में सभी सुगन्धित द्रव्य की पूजा करनी चाहिए।
  • ये विभिन्न ढंगों से उल्लिखित हैं।
  • हेमाद्रि[1] ने दो रूप दिये हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 44

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