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09:49, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब रविवार सप्तमी से युक्त षष्ठी को होता है तो इसे पद्मकयोग कहते हैं, जो सहस्र सूर्य ग्रहणों के समान है।[1]
- जब सूर्य विशाखा नक्षत्र में और चन्द्र कृत्तिका में हो तो पद्मकयोग होता है।[2]
- कालविवेक ने व्याख्या की है कि सूर्य विशाखा के चतुर्थ चरण में तथा चन्द्र कृत्तिका के प्रथम चरण में होना चाहिए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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