पुत्रीय सप्तमी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:09, 9 सितम्बर 2010 का अवतरण ('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर यह व्रत किया जाता है।
  • सूर्य की पूजा की जाती है।
  • उस दिन केवल हविष्य भोजन करना चाहिए।
  • दूसरे दिन गन्ध से आरम्भ कर अन्य उपचारों से सूर्य पूजा तथा नक्त भोजन (दिन भर कुछ नहीं केवल रात्रि में ही एक बार भोजन)।
  • एक वर्ष तक यह व्रत किया जाता है।[1]
  • "पुत्रीय" का अर्थ है 'जो पुत्र लाभ कराता है'।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (्व्रतखण्ड 1, 789-90, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।

अन्य संबंधित लिंक