भूमि व्रत
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- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- शुक्ल चतुर्दशी पर लिंगव्रत विधि के अनुसार सूर्य पूजा की जाती है।
- शिव के सम्मान में उपवास; कुंकुम पुष्प घृत के साथ पायस का अर्पण एवं किसी भक्त को भूमि दान की जाती है।
- ऐसी मान्यता है कि कर्ता राजा की स्थिति प्राप्त करता है।
- यह व्रत राजा द्वारा किया जाना चाहिए।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत0 2, 63-64, कालोत्तरपुराण से उद्धरण
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